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नई दिल्ली। मार्च-अप्रैल में एफआईआई की खरीददारी के बाद घरेलू मार्केट में आई तेजी अब थम गई है। इसी तरह का माहौल ग्लोबल मार्केट में भी बना हुआ है। हालांकि इस साल इक्विटी मार्केट से कोई बड़े रिटर्न की उम्मीद नहीं है। ज्यादातर बड़े ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस गोल्डमैन सैक्स, सिटी, बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने अपनी रिपोर्ट में चीन की इकोनॉमी पर दबाव और ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर होने की चिंताएं जाहिर की हैं। इसीलिए माना जा रहा है कि इक्विटी मार्केट इस साल बड़े एसेट क्लास में अच्छा प्रदर्शन नहीं करेगा।
इस साल तीन फीसदी तक गिर चुका है मार्केट
इस साल के शुरुआती महीने से शुरू हुई गिरावट फरवरी के अंतिम दिनों में कम हो गई थी, लेकिन मार्च में एफआईआई की खरीददारी लौटने से कुछ रिकवरी देखने को मिली। हालांकि मई में फिर से सेंसेक्स दो फीसदी तक गिर गया है। वहीं, 2016 में सेंसेक्स तीन फीसदी लुढ़का है।
ग्लोबल इक्विटी मार्केट ने दिया निगेटिव रिटर्न
-साल 2016 में अमेरिकी बेंचमार्क इंडेक्स डाओ जोंस एक फीसदी लुढ़का है।
-यूके का बेंचमार्क इंडेक्स एफटीएसई दो फीसदी गिरा है।
-जापान के बेंचमार्क इंडेक्स निक्केई में 12 फीसदी की बड़ी गिरावट आई है।
-चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 35 फीसदी तक लुढ़क गया है।
मार्केट की ये हैं चिंताएं
गोल्डमैन सैक्स, सिटी और बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच की पिछले एक हफ्ते में जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा समय में इक्विटी मार्केट के सामने सबसे बड़ी चिंताएं चीन की इकोनॉमी को लेकर है। साथ ही ब्रिटेन के भी यूरोपीय संघ से बाहर होने का खतरा बढ़ रहा है। इसके अलावा जून में अगर अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी करता है, तो ग्लोबल इक्विटी मार्केट में तेज गिरावट आ सकती है। इसीलिए इस साल इक्विटी मार्केट से बड़े रिटर्न की उम्मीद नहीं है।
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