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नई दिल्ली। मोदी सरकार के गठन के साथ स्टॉक मार्केट में शुरू हुआ बढ़त का
दौर लगातार जारी है। पिछले एक साल में सेंसेक्स में 6 फीसदी की तेज गिरावट के बाद भी
दो साल में सेंसेक्स का रिटर्न पॉजिटिव में बना हुआ है। इस दौरान बीएसई पर लिस्टेड
सभी कंपनियों का मार्केट कैप 12 लाख करोड़ रुपए बढ़ गया है। पिछले 2 साल में निवेशकों
ने कमाए 11.8 लाख करोड़ मोदी सरकार के गठन के बाद पिछले 2 साल स्टॉक मार्केट के लिए
अच्छे रहे हैं। इस दौरान बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 11.8 लाख करोड़
रुपए बढ़ चुका है। शपथ ग्रहण के दिन बीएसई की कुल मार्केट कैप 85.2 लाख करोड़ रुपए
थी। वहीं बुधवार को बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों की कुल मार्केट कैप बढ़ कर 97.03 लाख
करोड़ रुपए हो गई है। यानी दो साल निवेशकों ने 11.8 लाख करोड़ रुपए कमाए हैं।
फार्मा
सेक्टर में रही सबसे ज्यादा तेजी
दो साल में बढ़ा विदेशी निवेश
विदेशी निवेशकों ने
दो साल में कुल 88407 करोड़ रुपए का मार्केट में शुद्ध निवेश किया है। यानि पिछले दो
साल में विदेशी निवेशकों ने जितने शेयर बेचे हैं उनसे 88 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा
शेयर खरीदें हैं। इस दौरान विदेशी निवेशकों ने मार्च 2016 में सबसे ज्यादा निवेश किया
है। मार्च 2016 में विदेशी निवेशकों ने 23621 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे थे। वहीं, अगस्त
2015 में विदेशी निवेशकों ने सबसे ज्यादा 17248 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे।
मार्केट में आए कई बदलाव
मोदी सरकार के कार्यकाल में मार्केट से जुड़े कई
नियमों में सख्ती की गई है। वहीं निवेश से जुड़े कई नियमों में ढील दी गई है। दो साल
में बदले नए नियमों के मुताबिक मार्केट में लिस्टिंग और डिलिस्टिंग के नियम सरल बनाए
गए हैं। इसके साथ ही लिस्टिंग की प्रक्रिया को आसान और तेज भी बनाया गया है। स्टॉक
मार्केट को फंडिंग के प्रमुख प्लेटफार्म बनाने के लिए सेबी ने एसएमई की लिस्टिंग को
आसान बनाने के साथ ही स्टार्टअप के लिए भी लिस्टिंग का रास्ता साफ कर दिया है। हालांकि
अभी छोटी कंपनियों में निवेशकों के लिए सीमा तय की गई है। इसके साथ ही स्टॉक एक्सचेंज
को मार्केट में लिस्ट कराने के लिए भी रास्ता साफ हुआ है। इसके साथ ही मार्केट से जुड़े
कई नियमों में सख्ती भी की गई है। हाल ही में पी-नोट्स पर सख्ती के लिए नियमों में
बदलाव को सेबी ने मंजूरी दी है। इसी दौरान सेबी ने कंपनियों के शेयर बायबैक से जुड़े
नियमों को भी सख्त किया है। नए नियमों के मुताबिक बायबैक का वक्त 12 महीने से घटा कर
6 महीने किया है। इससे छोटे शेयर धारकों को फायदा होगा। वहीं बजट में बड़े शेयरधारकों
के डिविडेंड आय पर भी टैक्स लगाया गया है।
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