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जानिए 2016 भारतीय शेयर बाज़ार क्यों नहीं रहेगा अच्छा साल?
पिछले साल सेंसेक्स करीब 5 प्रतिशत घाटे में रहा जिससे यह अंदाजा लगाया गया कि साल 2015 भारतीय शेयर बाज़ार के लिए कुछ खास नहीं रहा। यदि हम सेंसेक्स को मापदंड़ के रूप में इस्तेमाल करें तो यह उदाहरण ऊपर लिखित वाक्य को समझाने में मदद करेगा। यदि साल 2015 की शुरुआत में आप शेयर बाज़ार में 100 रुपये निवेश करते हैं तब साल के अंत में आप 95 रुपये कमाते हैं। वहीं, इस 100 रूपये की राशि को फिक्स्ट डिपाज़िट में रखने पर आप साल के अंत में 109 रुपये कमाते हैं।
स्पष्ट रूप से देखा जाए तो आपको 14 रुपये का नुकसान हुआ। हालांकि, शेयर बाज़ार में निवेश करने वाले सभी निवेशकों का यही हाल हुआ होगा यह कहा नहीं जा सकता है। कुछ ऐसे लोग भी होंगे जिन्होंने सही शेयरों को चुनकर शेयर बाज़ार में मुनाफा कमाया हो। हमने सेंसेक्स का इस्तेमाल केवल एक छोटी सी बात को समझाने के लिए किया है। हालांकि शेयर बाज़ार के जानकार 2016 को लेकर बहुत प्रफुल्लित हैं। परंतु, कुछ कारण भारतीय शेयर बाज़ार के लिए चिंताजनक हो सकते हैं
1 चीन की गिरती मुद्रा
यदि चीनी बाज़ार में गिरावट आती है तो इसका असर चीनी मुद्रा पर भी पड़ेगा। इससे विश्व भर की मुद्राओं में प्रतिस्पर्धी रूप से गिरावट आएगी। एशिया के इतने बड़े देशी की अर्थव्यवस्था धीमी होने पर कमोडिटी की कीमतें कम हो सकती हैं जोकि शेयर बाज़ार के लिए एक बुरी ख़बर है।
2 अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी
दरों में बढ़ोतरी भी चिंता का एक कारण बन सकता है। फ़रवरी में एक बार फिर अमेरिकी फेडरल रिजर्व एक बैठक करने वाली है। यदि इस बैठक में अमेरिका ब्याज दर में 0.25% की बढ़ोतरी करता है तो यह भारतीय शेयर बाज़ार के लिए अच्छा नहीं होगा।
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